आचार्य वराहमिहिर द्वारा रचित ज्योतिषशास्त्र के गम्भीर ग्रन्थ बृहत्संहिता में केशकल्प, दन्तकाष्ठ, सुगन्धित तैल, औषध-स्नान एवं विभिन्न औषधियों व प्रयोगों का उल्लेख किया है। परन्तु ज्योतिष के ग्रन्थों में इन प्रकरणों का कोई औचित्य प्रासंगिक नही लगता, परन्तु इन प्रकीर्ण प्रसंगों ने यह साबित कर दिया है कि वराहमिहिर आयुर्वेद, रसायन-शास्त्र के प्रखर विद्वान थे, और ग्रह-उपचार के तौर पर सुगन्धित द्रव्यों का भी प्रयोग किया जाता था। इन प्रसंगों से आयुर्वेद और ज्योतिषशास्त्र का अन्योन्याश्रित सम्बन्ध एवं घनिष्ठता स्वत: ही प्रमाणित होती है। रससिद्ध वैद्य होने के साथ आचार्य वराहमिहिर ने सुगन्धित इत्र बनाने की अनेक विधियों का भी उल्लेख बृहत्संहिता में किया है। ज्योतिषशास्त्र ने भी शरीर पर इत्र लगाने को पुष्टिवर्धक, बलवर्धक माना है। मान्यता है कि इत्र लगाना सम्पूर्ण इन्द्रियों को सन्तर्पण करने वाला होता है। दर्शन शक्ति को पुष्ट करने वाला और मस्तिष्क में होने वाले मानसिक रोगों को दूर करने वाला, स्वभाव में कोमलता, मस्तिष्क को बल प्रदान भी करता है। इत्र काम को प्रदीप्त करता है अर्थात् रमणकाल में उत्साह बढ़ाता है। हर्ष को उत्पन्न करता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राशि को देखते हुए इत्र का उपयोग करना लाभप्रद रहता है । इससे आप पुरे दिन ऊर्जावान बने रहेंगे।
किस राशि वाले कौन सा इत्र उपयोग करें-
मेष- इस राशि के लोगों को अपनी राशि के अनुसार बेला, गुलाब की सुगंध के इत्र लगाने चाहिए।
वृष- अपनी प्रकृति के अनुसार वृष राशि वालों को चमेली की सुगंध के इत्र लगाने चाहिए।
मिथुन- अपने राशि स्वभाव के अनुसार आप हरसिंगार, जूही, की सुगंध वाले इत्र का उपयोग करें।
कर्क- आप अपने राशि स्वामी चन्द्रमा के अनुसार केवड़ा की खुशबू वाले इत्र का उपयोग करें।
सिंह- इस राशि के लोग अपनी राशि के अनुसार जूही मोतिया फ्लेवर वाले इत्र लगाएं।
कन्या- इस राशि वालों के लिए जाफरन की सुगंध वाले इत्र उत्तम रहेगा ।
तुला- आपके राशि स्वामी शुक्र देव के अनुसार हिना जैसमाइन सुगंध वाले इत्र लगाएं।
वृश्चिक- कदम की सुगंध जैसे इत्र आपकी राशि के लिए भाग्यशाली रहेंगे।
धनु- आप अपनी राशि के अनुसार चंदन जैसी कुछ अच्छी सुगंध के इत्र का उपयोग करें।
मकर- अपने राशि स्वामी शनि के अनुसार आप एनर्जेटीक सुगंध वाले इत्र जैसे खुश, मौलसिरी फ्लेवर का उपयोग करें।
कुंभ- ताजगी भरी सुगंध आपकी राशि के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगी यानी आप मिट्टी, मोतिया फ्लेवर वाले इत्र का उपयोग करें।
मीन- रजनीगंधा जैसी सुगंध वाले इत्र आपकी राशि के लिए उपयुक्त रहेगी।
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डॉ. गणेश प्रसाद मिश्रा
असिस्टेंट प्रोफेसर ज्योतिष विभाग केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय
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